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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शरीकह कह__ āarikah ऋ० कोहान शुतुर । अरीका Tariqasáa अकुलान aariqasánah क्र. की, विषखपरा | अकालूसिया ariqalúsiya - यू० काऊ ( Tamarix gallica, Liva. ) अरोकिन अह āarigitaaah एक जानवर है । ६०७ ० हिन्द अरीज़ aariz-श्र० छांग शिशु, बकरीका बच्चा । ( A kid.) अरीज़ा rizá - यू० बूटीका मूल, जड़ । (Root.) श्ररोजियम -इं० कुर्सश्रमहू एक बूटी है जो कांटों से युक्त होती तथा भूमिपर फैलती हैं । श्ररीठा aritha - हिं० संज्ञा पुं० [सं० अरिष्ट, प्रा० श्ररिट्ठा ] रीठा, अरिष्ट फल | Soapnut tree ( Sapindus trifoliatus ) अरीतह. aarital-- वृश्चिक, बिच्छू । ( A scorpion. ) अरीतस aritasa-यू० चूर्ण, चूना | (Oalx. } श्रीदarida-निगुण्डा, सँभालू, मेउड़ी । (Vites negundo.) श्रदाल aridal - सिं०, कना०, को० श्ररीदारम aridáran-ताο उद्भव - स्थान - पंजाब तथा हिमालय | उपयोग - कहते हैं कि यह विषाक गुणमय श्रधि है और कूलू में भेड़ों के उदरशूल होने पर इसके बीज लवण के साथ मिलाकर उपयोग में आते हैं । वर्षाऋतु में मवेशियों को कीड़ों से सुरक्षित रखने के लिए इसकी जड़ काम में लाई जाती हैं। इसके उपयोग से वे मृतप्राय हो जाते हैं । (स्व) । इ० मे० प्लां० । भरोसामा ट्रिफॉलियम् ariscena ium ले० शलजम । (Turnip ) ] हरिताल । | श्ररीसीमा लेस्कीनं न्थिस arisoæma lesche naithes, Biume. - ले० वातकेदारन सिं उत्पत्ति स्थान - हिमालय, खसिया की पहाड़ी, नीलगिरि और लंका | Orpiment ( Trisulpbate of arsenic.) अरीन āarina - अ० गोश्त, मांस । ( Flesh, meat.) श्रीफांस arifisa-यू० एक प्रकार का तैल है जो जल के समान कूत्रों से निकाला जाता है । अरीर āarira-कन्तूरियून | Kee-gantúri. yúna. अरोग aarirá-( १ ) नानूसाह, अजवाइन । (२) ऊ शह् । अरीस arisa फा० भरीसह, arisah-o नोवान, कलक्रूरा, कमकाम - फा० 1 (Styrax Benzoin, dryander ) देखो - लोबान फा० ई० ३ भा० । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्ररासीमा स्पेसिनोसम् अरोसन arisan का० हलदी, हरिद्रा । (Cureuma longa.) अरीसारम arisáruin - इ० लोकुल जुभव, एक बूटी है जो एक बालिश्त के बराबर एवं विभिन्न वर्ण' युक्र होती है । असीन aricine इ० सिनकोना सत्व विशेष । फा० ई० २ भा० अरीसीमा टोटनसम् arisoema tortnosum, Schoti. असीमा कटम् arisema curvatum, Kuhi, Roxb. --ले० बीरबङ्का नेपा० । गुरिन, डोर, किकिंचालू किरकल, जंगुश पं० । trifol उपयोग - सिंगाली लोग इसकी जड़ श्रौषध तुल्य व्यवहार में लाते हैं । ( वैटीज) इं० मे० लां० । For Private and Personal Use Only भरीसीमा स्पेसिश्रोसन aristema speci osum, J/art. परम स्पेलिश्रांसम arum speciosum. Hall, - ले० साँप की खुम्बी, किरिकी कुकरी, किरलु - पं० ॥ उत्पत्ति स्थान - शीतोष्ण हिमालय, कुमायूँ से सिक्किम तथा भूटान पर्यन्त । उपयोग - हज़ारा में इसे विष प्रथाल
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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