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अमलतासादि क्वाथ
अमलतासादि क्वाथ amalatasadi-kvatha - हिं० पु० अमलतास गुदा, पीपलान, मोथा कुटकी, बड़ी हड़, हुनका काय पोने से बात, कफ उबरका शीघ्र ही नाश होता है तथा गोटा गिराता, और श्रमज दूर करते हुए श्रग्नि दीपन च पाचन करता है। शार्ङ्ग ० सं० । श्रमल दीतिः amala-diptih - सं० पु०, कर्पूर कपूर ( Camphor ) । च० ३० । श्रमलपट्टी amala-patti - हिं० ० ( A kind of stithing)। अमल पतत्री amala-patatri - ( इन् ), सं० पुं०, हंस ( A gocse, a gander, a_swan,)।
अमल् विल्यद् āamal-bilyad-o श्रम्लिय्यह् āamliyyah
हस्त क्रिया, शस्त्र चिकित्सा, जर्राही, दस्तकारी, चीरफाड़ । श्रपरेशन ( Operation ) - इं० । श्रमलवेन amala beta - हिं० सं० पुं० [सं० अम्लवेतस् ] ( १ ) एक प्रकार की लता जो पश्चिम के पहाड़ों में होती है और जिसकी सूखी हुई टहनियाँ बाज़ार में बिकती हैं। ये खट्टी होती हैं और पाचक चरण में पड़ती हैं । ( २ ) एक मध्यम आकार का पेड़ जो बागों में लगाया जाता है । इसके फूल सफेद और फल गोल खरबूजे के समान पकने पर पीले और चिकने होते हैं । इस फल की खटाई बड़ी तीक्ष्ण होती है। इसमें सूई गल जाती है यह अग्नि संदीपक है। यह एक प्रकार का नीबू है |
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अमलवेद् amalabed - हिं० संज्ञा पुं० उ० श्रमलबेत, अम्लवेतस ( Rumex vesicarius) ।
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श्रमल रत्नम्
वाइन ( Fleshy wild wine- इं० ). मेक मेकतवी-चे. - ना० ( का इं० ) ! कनपतिगे ( फा० इ० मे० प्रा० ), मण्डल - मरीतीगे, मेक-ती-चे, कडु - ढिन्ने, कडेप-तीगे ( ई० मे० प्लां० ) - ते० | जरीला लरा ( ई० मे० प्लां ) - पहा० । खर तुम्बों, खट-तुम्बो ( फा० हं०, इं० मे० प्लां०, मे० मो० ) - गु० तमन्या खटुम्बी (इ० मे० प्रा० ) बलरत दुग्बू सिं० ( इं० मे० मे० ) मै मती ( ई० मे० स० ) - श्रासा० कारिक, अमटवेल, गिदइद्वाक, द्विकरी, बल्लुर, बुकी ( ई० मे० सां) - पं० 1 बोडी, श्रम्बट बेल ( इं० मे० cato, Flo इं० ) - कडमोडी - मह० 1 इक्ब्लीरिक-लेप० ।
द्राक्षा वर्ग
( X. O. Ampolideue. ) उत्पत्ति स्थान — भारतवर्ष के सम्पूर्ण उष्ण प्रधान देश तथा हिमालय ( के उण स्थान ) 1
प्रयोगांश -- बीज तथा मूल ।
प्रभाव तथा उपयोग — इसके पत्रकी पुल्टिस ( उत्कारिका ) बैलों की ग्रीवा पर जुआ के कारण हुए चनो के लिए प्रलुक होती है । ( इलियट )
इर्विन ( Irvine ) के मतानुसार इसके बीज एवं पत्र दोनों अभ्यक्ष रूप से प्रयोग में आते हैं ।
रुट्युबर्ट के कथनानुसार इसकी जड़ को काली मरिचके साथ पीसकर विस्फोटक ( फोड़ा फुसी ) पर लगाते हैं |
जड़ संग्राही रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं । इं० मे० मे० ।
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श्रमलमणि: amala-manih-० पु० अमलवेद नींबू amalabeda-nibu- हिं० तुरक्ष! अमलमणि amalamani-हिंοपु० लीहूँ । अमलवेल amala bela - हिं० गिहड़ द्वाक, कस्सर । पं०, हिं० । अम्लपर्णी - सं० । बण्डल, अम्ललता, सोनेकेर - बं० | बाइट्रिमा ( Vitis Carnosa, Wall, Wight )। सीसस कानोसा ( Cissus carnosa ) - ले० | फ्लेशी वाइल्ड
( १ ) स्फटिक, फिटकरी, (Alumen ) । रा० नि० ब० १३ । । ( २ ) कर्पूरमणि, कर्पूरगंधमणि विशेष | (३) बिल्लौर, स्फटिक |
अमल रत्नम् amala-ratnam - सं० ली० स्फटिक, फिटकिरी । ( Alumen ) रा० नि० व० १३ ।
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