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अन्तधूमः
अन्तः कुटिलः अन्तधूमः antardhāmah-सं० त्रि० मुख । देह में पांडु वर्णता और अफरा भी हो तो उसे
बँधे हुए हंडिका के भीतर अग्नि जलाने से अन्तलहिता कहते हैं। यह सदा दुश्चिकित्स्य उत्पन्न हुश्रा धूम । च० द० ग्रहणी चि० होती है। वा० उत्तर० अ० २६ । चित्रकक्षार ।
। अन्तः उदरच्छदा पेशी antah-udarachअन्तर्घट antarpata-हिं० पु. प्रोट, पाड़, cbhada-peshi-सं० श्री. उदरच्छदा
टट्टी, पर्दा । ( A curtain, askreen.)| अन्तःस्था । ( Transveralis A blomiअन्तर्वलिष्टा antarbujishta-सं० स्त्री० nis).
( Endoderm or Hypoblast. ) : 3pigiat antah-lipangiya-o alto अन्तधर्मा ।
( Internal angular artery ). अन्तर्वैल antarbola-को० अकासवेल ( Cu-. धमनी विशेष । scuta Reflexa.) 1
मन्तः अंस नाड़ी antah-ausa-mari--हिं० अन्तर्भूत antarbhā ta-हिं० वि० [सं०] : स्त्री० कंधे की भीतरी नाही । ( Deep
मध्यगत, मध्य में स्थापित । ( In the mird.. nerve cf the shoulder. st.) अन्तर्गत । शामिल । -संज्ञा पु. जीवात्मा । अन्तः कराठगाशिरा antahikanthagashiri जीव।
foto (Internaljugular vein ) अन्तमणिक antarmanika-हि. पु. .
गले की अन्दर वाली अशुद्ध रक नाली ।
अन्तः कराठशल्यावलोकिनी antab-kuntha(Styloill process of uliha ) अन्तः : प्रकोष्ठास्थि के शिर के पासका एक छोटा नोकीला! shalyavalokini-सं. स्त्री० नाडी यंत्र
विशेष । यह दश अंगुल परिमाण की होती है। उभार जो अंगुली से टटोल कर मालूम किया जा
अत्रिः । सकता है। अन्तर्मलः an tarinalah-सं० G. (१) अन्तः करणम् utah-karanam-सं० को मलांत वृक्ष, अन्तमुल। कश्चिदधिः । See
(1) अन्तरिन्द्रिय, भीतरी अवयव, हृदय, मन, Antamula 1(२) भीतर का मल । पेट :
अन्तरात्मा । (२) भीतरी चार इन्द्रियाँ ( बुद्धि के भीतर का मैला ।
अहंकार, चित्त और मन) अन्तः करण अर्थात्
भीतर के ४ औज़ार कहलाती हैं। ( The अन्तमहानादः antarmaha-halah-सं०
understanding, the heart, the पु० शङ्ख । (A Conch.). अन्तर्मुखी antarmukhi-सं० स्त्रो० योनिरोग
will, that consciene, the soul.)
देखो-अतः करण । विशेष। यदि स्त्री बहुत भोजन करके विषम रीतिसे बैठ कर पुरुषसेवन में प्रवृत्त हो तो वायु भुक्र अन्तः करतली नाड़ी antah-kartali.lari अन्नसे प्रपीडित होकर योनि के स्रोत में अवस्थित : सो
-हिं० स्त्री० ( Deeper nerve. of होकर योनि के मुख को टेवा कर देता है। ऐसा hand. ) हथेली की गहरी नस । होने से योनिकी हड्डी और मांसमें घोर वेदना होने अन्तः कतनक autah-karttanaka-हिं० लगती है। इस रोग का नाम अन्तर्मुखी श्रोनि | संज्ञा पु० कत्तभक दतों में से भीतरी दाँत, अंतः व्यापत् है ! वा० उ० अ०३३ ।
छेदक दन्त । ( First molar.) अन्तलोहिता antarlohita-सं० स्त्री० ऐसा अन्तः कुटिलः antah-kutilah-सं० प्र०
रोगी जिसके भीतर रुधिर भर जाने से हाथ पाँव (The conch shell ) शंख | शांक-ब। श्वास और मुख ठंडे हो गए हों, पाखोंमें ललाई, ! See-shankha.
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