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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्तू कल डुम्बो अन्तर्धर्मा में फहीक और हिन्दी मे निर्थिसी कहते हैं। | अन्तरुहा anta-luhi-सं० स्त्री० श्वेत दूर्वा, इसके मूल शाखा में शास्त्रा युक्र और बड़े होते सफेद दूध | Seershveta-durvvi. हैं । पत्र मकोपत्र सदृश, किंत रक ग्राभायुक्र होते अन्तरोत्पादक antarotpadaka हिं०(Enहैं। किसी किसी के मतानुसार हंसराज के पत्ता ! toderm) के समान होते हैं । स्वाद-तिक । अन्तर्गत antargatis-हिं० पु. ( In the अन्तू-कल-उम्बो antu-kala-duinbo-ता० midst.) भीतरी । शामिल, अन्तर्भूत | दोगातीलता ( Ipomaca biloba, अन्तर्गति antargati-हिनी० ( Inward Forsh.)। फा० इं० २ भा०। Sensations ) मन की तरङ्ग । ( Forअन्तोमूल antomula-पं० अन्त मूल । (Ty- gotten.) विस्मरण । lophora Asthamatica-) अन्तर्जास्थि an tarjanghāsthi-हिं०स्त्री. अन्तरीय उदरच्छदा antariya-udarachi Shin-bone ( Tibia) जकास्थि, टोंग की chhadá-fé al. ( Transversalis दो पास्थयों में से अङ्गुष्ठ ( शरीर की मध्यरेखा के Abdominis) अन्त: उदरच्छदा । निकट) की भोर की अस्थि । क्रसबहे कुमा, अन्तरीय जननेद्रिय antariya-jananedri- मा.मुल क्रस यत्-अ०। ya-हिं० संज्ञा स्त्री० ( Internal org- अन्तर्जठरम् antarjatharam-सं० क्ली० . an of generation ) वह जननेन्द्रिय | कोष्ठ, कोठा । कुक्षिमध्य, कोख । अम०। जो वस्ति गदर के भीतर रहती है और इस | अन्तर्जान महराय antarjanu-maharaba कारण बाहर से दिखाई नहीं देती जैसे शुक्राशय, -हिं० प ( Inner condylar noशुक्रप्रणाली, प्रोस्टेट, शिश्नमूल ग्रंथि । । tch ) घुटनों के अन्तरीय हड्डी की महराब । अन्तरीय नाडी-कोप antariya nari.ko- अन्तर्दधनम् antar-dadhanam-सं० क्ली. sha-हिं० संशा पु. ( Internal cap सुराबीज, किण्वक । येस्ट Yeast -इं। sule ) श०च०। अन्तरीय पटल antariya-patala-हिं० अन्तर्दाहः antardahab-सं० (हिं०)पु. (१) संहा पु० भीतरी परदा । ( Inner coat) शरीराभ्यान्तरदाह । शरीर के भीतर दाह होना, अन्तरीय पटल शोथ antariyapatala छोती की जलन, कोष्ठ संताप, कोठे के भीतर shotha-हिं० संज्ञा पु. (Choroi को जलन । रा०नि० २० २० । (२) सन्निditis) नेत्र के भीतरी परदे की सूजन । पात ज्वर विशेष । अन्तरीय पृष्ठ antariya-pyishtha-हिं. - लक्षण-जिस सन्निपात घर में मनुष्य शरीर पुं० भीतरी पृष्ठ, अन्तम्तल | (Interrial के भीतर दाह हो, ऊपर से शीत लगे, सूजन, surface ). बनी. श्वास और सम्पूर्ण शरीर जला सा हो अन्तरीक्ष antariksha-हिं० पु अाकाश । जाए उसे "अन्तर्दाह" सन्निपात ज्वर से पीड़ित (The sky or atmosphere) जानना चाहिए । भा० म०१ भा० । अन्तरीक्ष जलम् antariksha-jalam ) अन्तर्द्वार antar-dvāra-हिं. पु. भीतरी अन्तरिक्ष जलम् antariksha-jalam । दरवाजा (केवाड़)।(A private door) -सं० क्ली. प्राकाशजल, गगनाम्बु, गगनोदक, | अन्तर्धर्मा antardharmā-सं० स्त्री० (En नीहारजल, वर्षा ( वृष्ठि) जल । ( Rain | doderm or Hypoblast. ) अन्त. water. ) बैलिया। For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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