________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सत्र 88603 एकत्रिंशत्तम-अनुयोगद्वार सूत्र चर्तुथ मूल 288 थलयर पंचिंदिय तिरिक्ख जोणिए, खहयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएय // अविसेसिए जलयर पंचिंदिय तिरिक्तजोणिए, विसेसिए समुच्छिम जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिए. गम्भवतिय जलयर पंचिदिए तिरिक्खजोणिए // अविसेसिए समुच्छिम जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिए, विससिए पजत्तय समुच्छिम जलयर पंचिदिए तिरिक्खजोणिय, अपजत्तय समुच्छिम जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएय ॥अविसेसिए गम्भयकंतिय जलयर पंचिंदिय तिरिव खजोणिए, बिसेसिए पज्जत्तय गम्भवक्कं तिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएय अपजत्तय गम्भवतिय जलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिए // अविसेसिए थलयर पचिंदिए तिरिक्खजोणिए विसेसिए चउप्पय थलयर पंचिंदिय तिरिक्खजोणिएय, परिसप्प थलयर पंचिंदिय तिरिक्ख पंचेन्द्रिय. अविशेष में जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय और विशेष में संमृच्छिम जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय और गर्भन जलचर तिर्यच पंचेन्द्रिय,अविशेष में संमृच्छिम जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय और विशेष पर्याप्त व अपर्याप्त संमूछिम / जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय. अविशेष में गर्भज जलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय विशेष में पर्याप्त व अपर्याप्त गर्भज जलचर तिच पंचेभिय, अविशेष में स्थलचर तिर्यच पंचेन्द्रिय व विशेष में चतुष्पद स्थलचर तिर्यच पिंचेन्द्रिय व परिसर्प स्थलचर मियंच पंचेन्द्रिय. अविशेष में चतुष्पद स्थलचर तिर्यंच पंचेन्द्रिय, प + नाम विषय 803436 488 For Private and Personal Use Only