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३३ अमृतसागरतथाप्रतापसागरनरंग कास्योपारोटंक ५सोध्यागंधकटंक ५सोध्योसींगीमुहरोटंक५ जायफलटंकरपीपलिटंक १०पारागंधककीकजलीकरै पाछे येसारीऔषदि ममिलाय पादाकारसमेदिन षरलकरेपछै रतीप्रमागदीजैतौ सन्निपातज्वरसीनवर दिसूचिकाविसम ज्वर जीर्णज्वर मंदाग्नि माथांकारोग यांनयोरसइरिकरैछे रहवे घरहस्यमेलिष्योछे अथसन्निपानमैसीतउपज्योहोयती कोउवटगोलिष्यते मिरचि पीपलि संठिहरडकिहाली लो द पुहकरमूल चिरायतौकटकी कूट कचूर इंद्रजव येबराबरि ले इनकूनियरमहीपास सरीरकैमर्दनकीजैतो पसेवनैसीता गनेंदूरिकरै१०अथवा पारोटक ५ सींगीमुहरोटंक ५मिरचिट क २०यतूराकाफलकाराषटंक १०येसर्वमिहीवांटिसरीरकैम ईनकरैतो अतिपसेव अतीसीतांगसन्निपातरिहोय ११ अ यमहासन्निपातरिकरिवेकोजतनलिष्यतेपारोसींगी महरो कालीमिरचिनीलोथूथो नौसादर येसर्बबराबरिलेया कूमिहीवांटि धतूराकारसमें परलसराकारसमेरोराकरे पा छेरोगीकामस्तगकैक्षोरकराय मस्तकापरवारोटीरापह राजविकासरीरकैतापहोयाबरोचेनन्सहोयत्रा पैनो ओपुरषजी अरऊकैनापनहींहोय अरचैतन्यनहींहोय तौरोमनुष्यजीनहीं१२अथवा लसणाराई सहजणांकीज उयांनैगोमूत्रमेंमिहीवांटिनीकारोरीकरै यारोदीमांधापरिक्षा रकरायपहर राषे जोवैनन्यभरतापवेकेनहींहोयतौरोजी
नहीं थेजतनवेघविनोदमेलिष्याछेअथसन्निपान रिकरिवेकोजतनलिष्यते महाभयंकरसन्निपातवारेकोपी
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