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३२ अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग २ छूकठाइजेतीसन्निपातहरिहोई१४ अरसन्निपातवारेस पकठावोबालिष्योहे सोलोकविरुङहे सोनहीकीजे १५अथ चा सन्निपातवारेकॉलोहकीसलाकानिपटतातीकारकीपग थल्यांकै अरवेंकाभवांराकैवाचिअरवेंकाललाटकेंवीचिलो हकीसलाकाकोडाहदाजैतोसन्निपातरिहोय १६योवैद्यवि नोदमेलिष्योछै अरमंत्रजंत्रउगेरेंकेसाधन भीसन्धिपातडू रिहोयछे सश्रुतचरकवाग्भट्टकेमतसैनौसन्निपातजुरएकही छै पणिोररिषीश्वरनकैमनसौंसन्निपातज्वरवायन ५२प्रका रकेहैतीमैतरामुष्यहै तिनकैजुदेजुटेनामभरलक्षगरज तनलिबूंछं अथनेरासन्निपातकानामलिष्यते संधिग अंतकररुगेदाह ३चित्तम्म्म४सीलांगतंद्रिक ६कंटकुज्व ७ कर्णक - भग्ननेत्र रक्तष्टीवी प्रलाप जिव्हकारअभिन्यास १३अवयांकापायुर्बललिबूंछं संधिगदिन रहै अं तकदिन रहै रुग्दाहदिन २० रहे चितभ्रमदिनरहै सीतांग दिना५रहै तरिकदिन २५रहै कंउकुज्वदिनारहै कर्णकमहीना
रहे भग्ननेत्रदिन-रहै रक्तष्टीवीदिन रहे प्रलापदिनार है जिदकदिनार रहै अभिन्यासदिन१५रहै येनेरासंन्निपातकी आयुर्बलकहापरिणयांमैउपदयाठिावतोततकालादमीम रजाय अरसन्निपानजुरबारेमनुष्यकासातलजननकीजैनहीं दिनसोवादीजैनहींअहवसेसजलपाइजे अरामअरकफघटेऐसौजननकीजैसंन्निपातकेोषमाफिकलंघनकराजे अथ संधिगसन्निपातलक्षगलिष्यतेजीमनुष्यकैसंधिगसन्नि पातउपजेजीकासरीरकासंथिसंधिमैघी मूलचाले सरीर
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