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३. अमृतसागर तथाप्रतापसागर तरंग २ सलिष्यते पारोटंक ५गंधकरंक ५इनरोउनकीकजलापरल मैंकोजें पाछेयादोन्यांकीबराबरि सूंड मिचि पीपलियेमिहिवांटि फेरिइनकमिलाय यांपांचाकैधतूराकाफलकारसकापुट ३दीजे दिन ताईपरलकरैयोउन्मत्तनायरस तीकीनासदेयतो सन्नि पातकुंदुरिकरै अथसन्निपातरिकरियाकोअंजन जमाल गोरांकीमीजीटंकी कालीमिरचिटंकी पीपलामूलटंकी यांती न्यांनंजेभीराकारसमेदिन ७ ताईपरलकरै पाछेरैकोअंजनकाजे नौसन्निपानहरिहोय५अथवा पारो गंधक कालीमिरचि पीप लियेसवबराबरिलेयांचास्यांकोचौथोहिसोजमालगोटोले पाछे पारागंधककीपरलमेमिहींफजलाकरे पाछेयेदोन्यूफजलीमैमि लाय इनसक्नकुंजंभारकेरसमेदिन-परलकरै पाछेईनको जनकरैतो सन्निपातरिहोयउपद्यमिटै ईअंजनकोनामभेरवां जनडै योवैयरहस्यमेलिष्योछे अथवा सिरसकावीज पीप लि कालीमिरचिसयोलूगलसरामेासिल यच येसबबराबार ले तिनकूमिहींपांटिगोमूत्रमैदिनापरलकरै पाईकोअंजनकरै तो सन्निपानहरिहोय-अथसन्निपातहरिहोवाकोपंचवत्र रसलिष्यतेहांगलूकोकाट्योपारोटंक ५सोध्योगंधकटंक ५ सोध्योसीगीमुहरोटंक५सोथ्योसुहागोटंक५पीपलिटंक५का लामिरचिरंक ५पारागंधककीकजलीकरिपाइंकजलीमेयैत्री अदिमिलाय धतूरकाबीजकातेलमैयडि ४परलकरे पाछेकी गोलाग्नीकीयांथैगोलादाकारसमेटेयतो सन्निपातहरि होय ऊपरदहीपरभातवावे योजतनवैद्यरहस्यमेलिष्योछे अथसन्निपानकेरिवेसछंदभैरेवरसलिष्यने हींगलुको
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