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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शूड खथवा शूढ प्रत मव सरस्वती सानुधावन्मतं आशा सर्वार्थ सिद्धेर्न गरी विनाना। स्यागम। तां चेतुः शनोजः । नातेः सुता मरुदे विऊन्मा। सुव का तिवृषो वृषांकः ||३|| साकेत माया द्विजयादिनां को प्रजाजितशत्रुः ससाई कोदं मचः शतंगः कल्या कांतिर्विज यांगजात ग्रैवेय तो स्तन का पति का पुरीरंग पचः रातो छः। सेना जितारिप्रसवोर्जुनाः॥रामयेोध्यां विजयादुपेन । सिर्द्ध का संवररा जस्सतुः। दे मार साई त्रिधनुः शतांगे। जिनंदना वानरराजलक्ष्म॥ ६॥ सवै जयंता पुरि कोशला । कया। सुववस्त्रिधनुः ज्ञातोः । क्रौंचा माली सुर्मातः समा गान्मेघ । ओमंगलादव सूनु: 1 ग्रैवेयकादं नि मतः प्रपेदामोदरक ऊं कः शोशाः सामाधर राज जातः ससाई कार्य योग उपागम काशिपुष्टका शतद्वयो मतिः स्वस्तिकं ली तोरुष्टष्टांगः सुपाचं कि तो वैजयंताचं प्रदर घोषनुः सार्द्धं शतं सितांग ॥ सत्ल कर सेननु०॥सुग्रीवरामातनयः समागा' काकदि कामान्तदेवलोकात्। समुन्नत खातं सिता गः। सपुष्प दे तो मकराकि तोरुगात्रंदि ||लमुच्युतां तात्। शतिलः स्वसव कायः । श्री दावल मादृढ राजनं दा सुतो नवना स्त्र सतु तांतगः | १२|| पुष्पोत्रराशिद पुरेश्वतमः । सविभुवि प्रसवोर्जुनासः । श्रेयांस नामाध्य जिनोजिनः सःखजां कि तो शातिधनुः मांसां : ॥१३॥ चंपामुपागाद्द सुज्य सूनुः । श्रु काजया । વિષાદ પ્રત Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 40 बाई. म. कुतिगदिठकाण उडोल जिस किराबादला मुखि सुषी 3 किमधियु । राबाई मई कुतिगदि) हा दोघी २४त्रीवीरविकुमार श्रीय बाई है मई ऊतिदिन बोडमा बाम शनि एक लघु बाल कासावा (लोक तेदन 501 रसियालीन विद्या ॥४ बाईमिक फति रियावदपाक्रमतो की। बाजशिष्यका उमाले ईद्या स् नामदार रामतिले अविष्यामकरतो त्या सावि बकाया 34 बाई मसूरज दोघी मारी ३९॥६ बारामतलु शिष्यारा कहिये का नयारापानी |ईप बेटि बायला साउ ९॥ बादिमीर खिल इमं किहि । बोलिका फल डांगात मई ईसा ल्योतिले इमक आ डासांम॥ रामतिया लाशिध्ये शोक ॥ फूल डाम्रध्याख्याप्राह ॥ 23 रुधिरमसीमक का दर्शन नेट नरवर २० बाणगरुनाविधानि नेवाजने का तुमने 25 बाणामयवरिंसीदसा हम उमिशा बाईसा दिलाया मनुष्यनवेलमधून ॐ बू23 हाथी 315ति उपनायते । कं मोर कस्थापन यः रमांबासविगलोर ॥२३ बाई एकपंचविणासी चारित्र यादवासराला कुरुते । तस्य मंडितमस्तके नू डाम २४ बाई माय मुरविनलाईघर लिरित्पन ॥३३ व्याख्या ॥] है स धनवानुपयो माहिर तायापा धर्मे न कुरुतेोधनस्य धर्ममूल ४ चमयाम्पस विद्या ६ बाई नारियताउ बार बोरकर ९१८बाईल || For Private and Personal Use Only क कंकरेश सोन्यामादितः समव्याया
SR No.020032
Book TitleGujaratna Hastprat Bhandarona Sandharbhma Amdavadna Hastprat Bhandaro Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNavalsinh K Vaghela, Rasesh Jamindar
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year
Total Pages211
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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