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आकृति निशान इलाज दवाइयों द्वारा किया जाता है । जब गरमी साधारण रीतिसे देहमें दबा दी जाती है तो चङ्गा होना असम्भव हो जाता है, क्योंकि पारा, जिसे डाक्टर लोग साधारणतः गरमीकी बीमारी में दवाकी भांति देते हैं, शरीरको उस शक्तिको बहुत घटा देता है जिसके द्वारा आदमी चंगा हो सकता है। .. कोढ़ स्वाभाविक रूपसे और बीमारियोंकी भांति एक ज्वर सम्बन्धी बीमारी है। क्योंकि शरीर गाँठोंको गलाकर विजा. तीय द्रव्य बाहर निकालनेकी चेष्टा करता है। यदि शरीरमें नासूर या फोड़े पैदा हो जाते हैं तो गांठें उसके साथ ही साथ लुप्त हो जाती हैं और उसके शरीरकी जो त्वचा पहले सूखो
और चमकदार थी अब अपनी वास्तविक आर्द्रताकी दशा फिर आ जाता है । त्वचाके छिद्र खुल जाते हैं। यदि शरीरमें इतनी शक्ति नहीं रहती कि नासूर या फोड़े पैदा हो सके तो गांठे बहुत बड़ी-बड़ी हो जाती हैं या सूखकर सड़ जाती हैं। पर शरीरका शेष भाग पहलेकी भांति जीवित दशामें बना रहता है।
इस पुस्तकके अन्तमें कोढ़ियोंका जो चित्र दिया गया है वह एक असली फोटोसे लिया गया है। उसमें कोढ़ियोंका एक समूह दिखाया गया है। इनमें से कुछ कोढ़ियोंके कुल अङ्ग बिलकुल साबित हैं, पर वे इतने दुबले हो गये हैं कि उनमें सिर्फ हड्डियाँ ही हड्डियां दिखलाई पड़ती हैं । ऐसे आदमियों के चंगे होनेकी आशा अधिकतर दुगशामात्र है, क्योंकि ऐसी हालत में
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