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आकृति निशन क्या है
उनका आप ही आप चंगा हो जाना असम्भव है। हां, अगर बदन खूब मोटा ताजा हो और उसके अन्दरका विजातीय द्रव्य सूखकर सड़ने न लगा हो तो शायद यह बीमारी दूर हो सकती है ।
डाक्टरों का यह ख्याल है कि इस रोगके धाराम होनेकी काशा रखना व्यर्थ है, पर उनका यह विश्वास इसलिये है कि वे वरकी और साधारणतः कुल रोगोंकी, वास्तविक दशासे बिलकुल अनजान हैं । कोढ़की बीमारीका कोई दिखावटी इलाज भी वे नहीं बतला सकते, क्योंकि सारे शरीर में बाढ़ीपन होनेसे कोई ऐसा भाग नहीं बचा रहता जहांका विज्ञातीय द्रव्य हटाया जा सके । इसलिये डाक्टरी विद्या अपनी शक्तिको एक दूसरे प्रकार से काम में लाती है। डाक्टर लोग कहते हैं कि कोढ़ी अपने कुटुम्बसे अलगा करके किसी उजाड़ टापूमें भेज दिये जायें। पर वह चीज या वह स्थान दूर कर देनेपर भी कोढ़ लगातार पैदा होता जा रहा है डाक्टरोंकी चिकित्सा इसे रोकने में बिलकुल असमर्थ है । कहा जाता है कि एक विशेष प्रकारके कीटाणु इस रोगको पैदा करते है, पर डाक्टर लोग शरीर के बादीपनके विषय में कुछ भी नहीं जानते ।
प्राकृति- निदानका एक मामूली नौसिखिया भी इस बातका पता तुरन्त लगा सकता है कि बादीपनसे कैसी-कैसी बीमारियां पैदा हो सकती है। इस बातका जानना कुछ कठिन नहीं है कि कोई बीमारी तबतक नहीं पैदा हो सकती जबतक कि बदन में बहुत ज्यादा बादीपन न हो। इसीलिये नये निदानद्वारा आप मनुष्यको
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