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ਕਦ ਸੰਸ਼ ਜੀਓ
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समय और मुहमानों के बारावफात बोर के त्यागर मय पावत देता था और उनमें हिन्दू क्या पुमान पोतों वर्षों के बाद कारियों, सामता बीर परमारियों को बामंत्रित करता था । उसने हिन्दुओं की वेश मा व पगड़ी को अपनाया । बपने सम्बन्चिर्या की मृत्यु पर हिन्दुओं के समान पी सिर, दाड़ी व माकर शोरमनाया । उसने हिन्दुओं और मुसलमानों को बार प्रमोद पान पी! एक साप ही उपलन कराये।
__ बाबर ने हिन्दू मुहिम संमृति पी सम्बय किया । दोनों वगामी शिक्षा हेतु पदम उठाये । पति के साथ मातब स्थापित व्यैि । माता के साप साप वनेक हिन्दू पाठशाला और संवा विद्यालयों का निर्माण किया गया । से मिले विषाय और उन शिसा हेतु शिक्षण संस्थार स्थापित की गई मां हिन्दू और मुसलमान दोनों जातियों के विधार्थी शिक्षा करते थे। उनक मारतीय बौर मुसलिम विपार पारा के भारा फारपी को पाणित्या और सांस्कृतिक सप पिया । हिन्दुओं, पुमान बायोपा न्य व अन्य साम्या सुपार फारसी र देने से विभिन्न वर्ग जातियां परम्पर कमरे वार्षिक विचारों से बात हो गयी।
इस प्रकार अकबर काल में साम्राज्य में मेल - बोजा वातावरण रहा। ५. नवीन स्थापित गड - साम्राज्य की बावस्याता एंव उसकी प्राय:
हिन्दुस्थान में पुगी को भी क विदेशी मान कर हीनता बार पणा की दृष्टि से देखा जाता था। भारत में बाबर के पूर्व वेदर की सूट मार, उसके या बोर विध्वंस के कार्य, व हत्यार वारि कारग, मुगो के प्रति पारतीयों में स्वाभाविक पृणा हो गई थी। गवर और मांयूका शासन मी बल्पकालीन की रण । उन्होंने भारत
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