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चौथा अध्याय
अग्रवाल जाति की उत्पत्ति
मैं अग्रवाल जाति की उत्पत्ति आग्रेय गण से मानता हूँ । इस आग्रेय
गण का उल्लेख निम्नलिखित स्थानों पर आता है -
( १ ) महाभारत में -
भद्रान् रोहितकांश्चैव ग्रेयान् मालवान् श्रपि । गणान् सर्वान् विनिर्जित्य नीतिकृत् प्रहसन्निव ॥
( महाभारत, वन पर्व २५५, २० )
.
1. महाभारत की कुछ छपी हुई पुस्तकों में, विशेषतया कलकत्ता के संस्करण में आग्रेय की जगह आग्नेय शब्द का पाठ है । कलकत्ता संस्करण की नकल में पीछे से छपे हुवे महाभारत के बहुत से अन्य संस्करण
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