________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१५
भाटों के गीत
मंडन नागल जिन्दल गोत्र पंच मन देह बड़ाई ऐरण से ठेरण पति साढ़े सत्रह गोत्र पवित्र नर अग्रवाल सुयश वसो अग्रसेन शुभ नाम अग्रकुल कियो उजागर अग्रवाल भूपाल वैश्य कुल कीर्ति कलाधर शौर्य दया की मूर्ति दीपति बल वैभव के घर पुत्रवान धनवान रहे गोपाल निरन्तर क्षत्रीगण के बीच वैश्य राज स्थापित किया बनियों में वीरता यह जग को दिखला दिया रहे सदा नवनिध उनके पुन्य प्रताप से होय इतिहास प्रसिद्ध अग्रवाल वंश फूले फले बाय बनी चौबीस पात्र छत्तीस बंधाये कूप तेरा सौ साठ ता ऊपर फिरत दुहाई चार किले चौफेर बने षोडस दरबाजे हाट छप्पन हजार बजे छत्तीसों बाजे सवा लाख घर शहर में बसता ऊपर स्थिर रहै राजा अग्र बसायो अग्रोहा एता काम त्रेता किया
अग्रोहा से निकल कर अठारा बास बसाये प्रथम बास हिसार शहर हाँसी बसायो
For Private and Personal Use Only