________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ****************************** *सरसिजासनसन्निविष्टः।। केयूरखान्मकरकुंडलवानकिरीटीहा *रीहिरण्मयवपुर्धतशंखचक्रः // 155 // सशंखचक्ररविमंडले| स्थितंकुशेशयाक्रांतमनंतमच्युतम् // भजामिबुद्धयातपनीय मूर्तिसुरोत्तमंचित्रविभूषणोज्ज्वलम् // 156 // एवंब्रह्मादयो देवाऋषयश्चतपोधनाः // कीर्तयंतिसुरश्रेष्ठंदेवनारायणंवि के भुम् // 157 // वेदवेदांगशारीरंदिव्यदीप्तिकरंपरम् / / रक्षो रक्तवर्णचसृष्टिसंहारकारकम् // 158 // एकचक्रोरथोयस्य * दिव्याकनकभूषितः / / समेभवतुसुप्रीतःपद्महस्तोदिवाकरः। // 159 // आदित्यःप्रथमंनामद्वितीयंतुदिवाकरः॥ तृतीयंभा * स्करःप्रोक्तंचतुर्थतुप्रभाकरः // 160 // पंचमंतुसहस्रांशुःषष्ठं * चैवत्रिलोचनः // सप्तमंहरिदश्वश्चअष्टमंचविभावसुः॥१६१॥ नवमंदिनकृत्प्रोक्तंदशमंद्वादशात्मकम् // एकादशंत्रयीमूर्ति दशंसूर्यएवच // 162 / द्वादशादित्यनामानिप्रातःकाले For Private and Personal Use Only