________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ह **************************** कालकालादिमनादिरूपंपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम्॥१४॥ * यन्मंडलंविष्णुचतुर्मुखाख्यंयदक्षरंपापहरंजनानाम् // यत् कालकल्पक्षयकारणंचपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 149 // * यन्मंडलंविश्वसृजंप्रसिद्धमुत्पत्तिरक्षाप्रलयप्रगल्भं // यस्मि जगत्संहरतखिलंचपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // १५०॥य न्मंडलंसर्वगतस्यविष्णोरात्मापरंधामविशुद्धतत्वम् // सूक्ष्मां तरैयोगपथानुगम्यंपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 151 // यन्मं| * डलंब्रह्मविदोवदंतिगायंतियच्चारणसिद्धसंघाः // यन्मंडलं| वेदविदःस्मरतिपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 152 // यन्मंड लंवेदविदोपगीतंयद्योगिनांयोगपथानुगम्यम् // तत्सर्ववेदं प्रणमामिसूर्यपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 153 // मंगला टमिदंपुण्यंय पठेत्सततंनरः // सर्वपापविशुद्धात्मासूर्यलोके 12 * महीयते॥१५४॥ध्येयःसदासवितृमंडलमध्यवर्तीनारायणः *** For Private and Personal Use Only