________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir डलंदीप्तिकरंविशालंरत्नप्रभंतीव्रमनादिरूपम् // दारिद्यदुः। खक्षयकारणंचपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 142 // यन्मंडलं|| * देवगणैःसुपूजितंविप्रैःस्तुतंभावनमुक्तिकोविदम् // तदेव | * देवंप्रणमामिसूर्यपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 143 // यन्म *डलंज्ञानघनत्वगम्यंत्रैलोक्यपूज्यंत्रिगुणात्मरूपम् // समस्त तेजोमयदिव्यरूपंपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 144 // यन्म *||डलंगूढमतिप्रबोधंधर्मस्यवृद्धिंकुरुतेजनानाम् // तत्सर्वपाप *क्षयकारणंचपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 145 // यन्मंडलं. *व्याधिविनाशदक्षयदृग्यजुःसामसुसंप्रगीतम् // प्रकाशितं * *येनचभूर्भुवःस्वःपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 146 // यन मंडलंवेदविदोवदंतिगायंतियच्चारणसिद्धसंघाः // यद्योगि नोयोगजुषांचसंघाःपुनातुमांतत्सवितुर्वरेण्यम् // 147 // * यन्मंडलंसर्वजनेषुपूजितंज्योतिश्चकुर्यादिहमर्त्यलोके // य For Private and Personal Use Only