________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ह सुररेनेक परिसेवितायहिरण्यगर्भायहिरण्मयाय // महात्म नेमोक्षपदायनित्यंनमोऽस्तुतेवासरकारणाय // 135 // आ दित्यश्वार्चितोदेवआदित्यःपरमपदम् // आदित्योमातृको ॐ भूत्वाआदित्योवाङ्मयंजगत् // 136 // आदित्यंपश्यतेभ त्यामांपश्यतिध्रुवंनरः॥नादित्यंपश्यतेभक्त्यानसपश्यतिमां नरः१३७॥ त्रिगुणंचत्रितत्वंचत्रयोदेवास्त्रयोऽमयःात्रयाणां चत्रिमूर्तिस्त्वंतुरीयस्त्वंनमोऽस्तुते // 138 // नमःसवित्रेजग / / * देकचक्षुषेजगत्प्रसूतिस्थितिनाशहेतवे ॥त्रयीमयायत्रिगुणा *त्मधारिणेविरिचिनारायणशंकरात्मने // 139 // यस्योदयेनेह जगत्प्रवुद्धयतेप्रवर्ततेचाखिलकर्मसिद्धये // ब्रहेंद्रनारायणरु - द्रवंदितःसनःसदायच्छतुमंगलंरविः॥१४०॥नमोऽस्तुसूर्याय सहस्ररश्मयेसहस्रशाखान्वितसंभवात्मने // सहस्रयोगोद्भव / 11 भावभागिनेसहस्रसंख्यायुगधारिणेनमः // 141 // यन्म 亲李米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米米 For Private and Personal Use Only