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सूत्रम्
P॥ ९२॥
लोकाकाशना प्रदेशमा एक एक पृथिवीकायनो जीव मुकीए तो असं ख्यात लोक. भराय. हवे काळी tamittini आचा 15 वाळा नियुक्तिकार क्षेत्र अने कालनुपूक्ष्म चादरपणाने कहे छे,
निउणोउ होइ कालो, तत्तो नियुणरयं हवइ खित्तं । अंगुलसेढीमित्ते, ओसप्पिणीओ असंखिज्जा ।। ८९॥ ६ ॥९२॥
समय रुपकाळ अत्यंय निपुण अर्थात् सूक्ष्म छे. तेनाथी पण क्षेत्र घणुन सक्ष्म छे. कारण के एक आंपळ श्रेणीमात्र पण क्षेत्रना प्रदेशोने एक एक समये खसेडवा मांडीए तो असंख्यात उत्सर्पिणीओ अने अवसर्पिणीभो चाली जाय तेटलान माटे काळथी पण क्षेत्र घणुंज सूक्ष्म छे. हवे चालतुं परिमाण पहेला काळथी बतावे छे-- अणुसमयं च पवेसो, निक्खमण चेव पुढविजीवाण काये कायद्विइया, चउरोलोयाअसंखिज्जा ॥९॥
पृथिवी जीवोनो पृथिवीकायमा दरेक समये प्रवेश अने बहार आवबुं यया करे छे. ते एका समयमा केटलामो भवेश थाय छे, १. अने केटलातुं बहार निकळवू याय छे. २. तथा कहेवाता एक समयमा केटला पृथिवीकायना जीवी परिणाम पाम्या संभवे छे. ३. तथा पृथिवीकायनी स्थिति केटली छे. ४ ए प्रमाणे चार विकल्पो काळथी कहेबाय छे, मां घणाज असंख्यात लोकाकाश पदेशना परिमाणवाळा जीवो एक समय उत्पन्न थाय छे अने नाश पामे छे असंख्येय लोकाकाश प्रदेश प्रमाणो ? पृथिवीपणे परिणाम पामेला छे अने शरीरनी स्थिति पण छे, मरी मरीने असंख्यात लोकाकाश प्रदेश परिमाण काळ त्या उत्पन्न
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