________________
सन्निपातभेददर्शकतालिका [१] चरकोक्त लक्षणसमूह
भालुकि तन्त्रोक्त लक्षण समूह
४१८
क्रम दोषानुसार सन्निपात नाम
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
For Private and Personal Use Only
१ वातपित्तोल्बणमन्दकफ-भ्रम, पिपासा, दाह, गौरव, ज्वर, अङ्गमर्द, तृषा, तालुशोष, प्रमीलक, आध्मान, तन्द्रा, अरुचि, सन्निपात-(विभु या बभ्रु शिरःशूल ।
श्वास, कास, भ्रम, श्रम । सन्निपात) वातश्लेष्मोल्वणमन्दपित्तः शैत्य,कास, अरुचि, तन्द्रा, शीतज्वर, निद्रा, क्षुधा, तृष्णा, पार्श्वनिग्रह, शिरोगौरव, आलस्य, सन्निपात (शीघ्रकारि पिपासा, दाह, पीड़ा अथवा मन्यास्तम्भ, प्रमीलक, उदरदाह, कटिशूल, बस्तिशूल । सन्निपात)
हृद्व्यथा । - ३ पित्तकफोल्बणमन्दवात- छर्दि, शैत्य, मुहुर्दाह, तृष्णा, अन्तर्दाह, बहिःशीत, तन्द्रा, दक्षिणपार्श्वशूल, उरोग्रह, शिरोग्रह, सन्निपात (फल्गु या मोह, अस्थिशूल।
गलग्रह, कफपित्तनिष्ठीवन, तृष्णा, कण्डू, विड्भेद, श्वास, हिक्का, प्रमीलक। भल्लुसन्निपात ) वातोल्बणसन्निपात सन्धिशूल, शिरःशूल, प्रलाप, तृष्णा, ज्वर, ग्लानि, पार्श्वशूल, दृष्टिक्षय, पिण्डिकोद्वेष्टन, दाह, (विस्फारक सन्निपात ) गौरव, भ्रम, तृष्णा, कण्ठास्यशोष ! उरुसाद, बलक्षय, रक्तविट, रक्तमूत्र, शूल, अनिद्रा, गुदशूल, बस्तिशूल,
आयमन, भेदन, हिक्का, विलाप, मूर्छा, स्फायन, रोदन । ५ पित्तोल्बणसन्निपात रक्तविद्, रक्तमूत्रता, दाह, स्वेद, घोर दाह, घोरज्वर, बहिःअन्तःवृद्धि-हिक्का, श्वास, प्रमीलक, विसूची, (आशुकारी सन्निपात) तृष्णा, बलक्षय, मूर्छा। पर्वभेद, प्रलाप, गौरव, क्लम, नाभिशूल, पार्श्वशूल, स्विद्यमानरस,
तृष्णा, दाह। कफोल्बणसन्निपात आलस्य, अरुचि, हृल्लास, दाह, शीतज्वर, स्वप्न, गौरव, आलस्य, तन्द्रा, छर्दि, मूर्छा, तृषा, दाह | (कफ्फणसन्निपात) वमि, अरति, भ्रम, तन्द्रा, कास। तृप्ति, अरोचक, हृद्ग्रह, ठीवन, मुखमाधुर्य, श्रोत्रवाग्दृष्टिनिग्रह, श्लेष्मनिग्रह।
विकृतिविज्ञान
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir