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वृहद अतिचार |
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कोई जाणे भांगो। एक गमा संकोडो बिजो गमा वधारी । विस्मृत लगे अधिक भूमि गया | पाठवणी आधी मोकलो ॥ घट्ट दिग्वते वि० ॥ ६ ॥
सात में भोगोपभोग - परिमाण त्रत ॥ जेहना भोजन श्री पांच प्रतिचार अने करमहू ती पन्नरे, एवं वोश अतिचार ॥ सच्चित्ते पडिबद्धे, अपोल दुप्पोलयं च आहारे । सच्चित तणे नियम लोधे अधिक सच्चित्त लीधुं, तथा सच्चित मली वस्तु, अपक्वाहार, दुष्पकवाहार, तुच्छोषधि तणु भक्षण कीधुं । होला, उंबी- पहुँक, । काकडी, भडथां कीधां । सुल्यां धान प्रमुख भक्षण कीधां । सच्चित्तदव्त्र - विगई – पायह तंबोल - वत्थ- कुसुमेसु । वाहण-सयण- विलेवरबंभ - दिसि रहाण-भत्तेसु ॥ १॥ ए चवदे नियम दिन प्रते संभारचा संक्षप्या नहिं, लेई नियम भांग्या | बावीस अभक्ष, बत्तीस अनंतकाय
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