________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अभय-रत्नसार ।
चौमासेमें तो इन चीजोंकी और भी देख-भाल करने की जरूरत है। मुरब्बेकी चाशनी नरम हो, तो थोड़े दिनमें मुरब्बा बिगड़ जाता है। नरम चासनीके मुरब्बेमें पन्द्रह-बीस दिन में ही काईसी जमने लगती है। भुना उठने लगता है। मुरब्बे या आचारका बर्तन खुला रखने से भी खराब होने का डर रहता है । इसके विपरीत मिठाई या गाँठिया वगैरह बन्द रहने से ही खराब हो जाते हैं। चौमासेमें तो हवा लगने से भी चीजें विगड़ने लगती हैं। इसलिये जो चीज जिस तरीके से रखने योग्य हो, वैसेहो रखनी चाहिये ।
७०७
७ सेव, बड़ी, पापड़ आदि चीजें जाड़े-गर मीमें सूर्योदय होनेपर ही बनानी और सूर्यके अस्त होने के पहले ही सुखा लेनी चाहिये । नहीं तो वे बासी हो जाती हैं। चौमासेमें तो ऐसी चीजें बनाकर रखना हीं ठीक नहीं, क्योंकि उनमें पीले रंग काईसी जम जाती और अनेक त्रस जीव उत्पन्न हो जाते हैं। चौमासेमें बने हुए
For Private And Personal Use Only