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७०६ भक्ष्याभक्ष्य विचार । दिनका बना हो उसो दिन भक्ष्य है । रातको अभक्ष्य हो जाता है। अगर वह धीमें भून लिया जाये तो रात-भर रह सकता है । उससे पेड़ा, बर्फी, गुलाबजामुन आदि मिठाई उसी दिन बनानी और सिर्फ ५ दिन तक खानी चाहिये । उसके बाद उसका रंग और स्वाद बिगड़ जाता है। कितने ही हलवाई मावेके साथ रतालू आदि कन्द मिला देते हैं। इस बातका ध्यान रखना चाहिये।
६ मुरब्बा-आमका मुरब्बा जाड़ा, गरमी और बरसात के दिनोंमें जब तक उसका रंग, गन्ध, रस और स्पर्श नहीं बदले तबतक खाने योग्य है। जैसाकि आचारके प्रकरणमें लिखा है। अगर वैसीही समाई और सावधानीके साथ उसे रखा जाये तो ठोक है। मुरब्बेकी चाशनी अगर नरम हो. तो बिगड़ जाती है। पन्द्रह बीस दिनमें ही उसके मुरब्बमें खराबी आ जाती है। इस लिये ऐसी चीजें बड़ी सावधानीसे बनानी चाहिये।
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