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भक्ष्याभक्ष्य विचार |
भी नहीं खाना चाहिये । चौमासेके दिनोंमें आटा हर रोज दोनों वक्त चालना चाहिये और जाड़े गरमीमें एक वक्त । कारण नहीं चालनेसे उसमें जाली पड़ जाती है और वह अभक्ष्य हो जाता है । आटेको हरदम इस्तेमाल करने के पहले चाल लेना चाहिये। गेहूं और चनेके आटेसे बाजरेका आटा बहुत जल्द बिगड़ता है । इस लिये उस पर ज्यादा ख़याल रखना चाहिये । व्यापारी पुराना अन्न बेचा करते हैं। इस लिये पिसवाने के पहले अनाजको अच्छी तरह देख लेना चाहिये । नहीं तो कितनेही छोटे-छोटे जीवोंके भी पिस जानेका डर रहता है। चौमासेमें तो ख़ास करके हर एक चीज़ में कीड़े पड़ जानेका डर रहता है। इसलिये नाजको बराबर देखते रहना चाहिये, इन सब बातोंकी तरफ़ स्त्रियोंको पूरा ख़याल देनेकी जरूरत है । इसमें उनकी बुद्धिमानी है । पहलेतो बड़े-बड़े घरोंकी स्त्रियां भी जीवदयाकी खातिर अपने घर के काम लायक आटा आपही
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