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विधि-संग्रह। विधिको तरह समजना जैसे—देसावगासिक पारु ? पारेमि ? इत्यादि सामाइय पोसह संहि. यस्सकी जगह सामाइय देसावगासियं संदियस्स इत्यादि पाठ कहना।
-**80भक्ष्याभक्ष्य-विकार ।
प्राचीनकालके समय श्रावक लोग भक्ष्याभक्ष्यके सम्बन्धमें बड़ा ही उपयोग रखा करते थे, प्रायः उस समयके श्रावकोंको अभक्ष्य चीज़ोंका त्याग ही रहता था, वे लोग अभक्ष्य सेवन करना महा याप और नरकका मार्ग समझते थे। यदि कोई न समझ कर या ग़लतीसे किसी अभक्ष्य पदार्थका सेवन कर लेता तो वह उसे बड़ाभारी दुःष्कर्म किया समझ कर अत्यन्त पश्चाताप करता और उसके लिये गुरुके पास जा कर यथाविधि आलोयणा-प्रायश्चित ले लेता था।
वर्तमान समयके श्रावक-श्राविकाओंमें इस
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