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अभय रत्नसार। ६७५ बोलकर पोसहकी सज्झाय करे । वाद फिर एक नमुक्कार पढ़े । इसके बाद दो वान्दना देकर पच्चक्खाण लेवे (जिसने उपवास किया हो वह वान्दना न देवे) बाद खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण. उपधि थंडिला पडिलेहण संदिसा हूं ? इच्छ', कह कर फिर खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण उपधि थिंडिला पडिलेहण करू? इच्छ, कहकर फिर खमासमण-पूर्वक इच्छाकरेण० बेसणे संदिसा हुँ ? इच्छं, कहकर फिर खमासमण-पूर्वक इच्छाकारण बेसणे ठाऊ?, इच्छ, कहकर कम्बल वस्त्रादिकी पडिलेहण करे। जिसने उपवास किया हो वह इस समय केवल कन्दोरा और धोतिकी पडिलेहणा करे।
रात्री संथारा विधि। खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण० बहुपुडि पन्ना पोरिसी ?" इच्छ, कहकर खमासमण देवे और “इरिया वहिय” पढ़। इसके बाद खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण० राईसंथारा
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