________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विधि-संग्रह।
मुहपत्ति पडिहले हु? इच्छं, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे। बाद खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण० राईसंथारा संदिसा हूं ? इच्छ', कहकर खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण राईसंथारा ठाऊं? इच्छ, कह कर फिर खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण चैत्यवन्दन करू?" इच्छ,कहकर चउकसाय, नमुत्थुणं यावत् जयवीयराय चैत्यवन्दन करे। बाद "निस्सही ३ णमोखमासमणाणं गोयमाइणं महामुणिणं” तीन नवकार, तीन करेभी भन्ते कह कर अणुजाणह चिट्रिज्जा आदि राई संथाराकी गाथायें कहे और अन्तमें सात नमु. कारका स्मरण करे।
॥ पच्चक्खाण पारनेकी विधि ॥ खमोसमण देकर इरियावहिय पढ़े ॥ पीछे खमा० इच्छा० पञ्चक्खाण पारवा मुहपत्ति पडिलेहुँ ? इच्छ, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे ॥ पीछ खमा० इच्छा० पञ्चक्खाणपारु ? यथाशक्ति खमा० इच्छा० पञ्चक्खाण पारेमि ? तहत्ती। कह
For Private And Personal Use Only