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विधि-संग्रह।
करू ? इच्छ, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे। बाद खमासमण-पूर्वक इच्छाकारेण अंग पडिलेहण संहिसा हूं ? इच्छ', कहकर फिर खमासमण देकर इच्छाकारेण. अंग पडिलेहण करूं? इच्छ, कहकर आसन, चरवला, कदोरा, धोती आदि उपकरणोंकी पडिलेहण करे। बादमें पौषधशालाका प्रमार्जन कर कड़े-कचरेको यथाविधि रखे। फिर खमासमण देकर "इरिया वहिय” पढ़े। पीछे खमासमण-पूर्वक “इच्छकार भगवन् ! पसायकरी पडिलेहण पडिलेहवावोजी? इच्छं, कहकर शुद्ध स्वरूपके पाठ पूर्वक स्थापनाचार्यजोको पडिलेहण करे। बाद स्थापनाचार्यजी को ऊंची जगहपर रखे । पीछे खमासमण देकर इच्छाकारेण उपधि मुहपत्ति पडिले हुं ? इच्छं, कहकर मुहपत्ति पडिलेहण करे। बाद खमासमण-पूर्वक “इच्छाकारेण सज्झाय संदिसाहुं ? इच्छं, कहकर खमासमण-पूर्वक “इच्छाकारण सज्झाय करू? इच्छं, कहकर एक नमुक्कार
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