________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अभय रत्तसार। ६६६
तिलक-तपस्याकी विधि । उत्तम दिन देखकर तपस्वी गुरुके पास जाये और उनसे विनय-पूर्वक तिलक तपस्या ग्रहण करे। इस तपस्याके करने वालेको कुल ३० तीस उपवास करने पड़ते हैं, वह इस क्रमसे करे। पहले ऋषभदेव भगवानके छह उपवास करे, इन छहों उपवासोंके करते समय "श्रीऋषभदेवस्वामी सर्वज्ञायनमः” इस पदका २००० बार चिन्तवन करे; अर्थात् इस पदकी २० माला गिने। जन यह छह उपवास हो लें, तब महावीर भगवानके दो उपवास करे। इन दो उपवासके समय "श्री महावीरस्वामी सर्वज्ञायनमः" इस पदकी वीस माला गिने, और धर्म-ध्यानमें समय व्यतीत करे। इन दो उपवासोंके हो जाने पर बाईस तीर्थकरोंके क्रमशः बाईस उपवास करे। जिस दिन जिस तीर्थंकरका उपवास हो, उसीके पदकी वीस माला गिने । बाकीकी सारी विधि स्तवनके अनुसार गुरुसे समझ कर करे। तपस्या करते समय आरंभ-समारंभके कार्य नहीं करे।
For Private And Personal Use Only