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विधि-संग्रह |
बारहमासी तपकी विधि ।
आदि तीर्थंकर श्री ऋषभदेव स्वामीने बारह मासी व्रतकी उत्कृष्ट तपस्या की थी, इसलिये तपस्या करनेवालेको चाहिये कि बारह मासी तपस्या भी जरूर करे । तपस्या करने वालेको इस व्रतके ३६० तीन सौ साठ उपवास करने पड़ते हैं। वह क्रमशः अपनी इच्छा के अनुसार करे। तपस्याके दिन उपवासादि व्रत करके धार्मिक क्रियायें करे, और बारह मासी तपका स्तवन जो इस विधिके पूर्व में दिया है, उसे श्रद्धा-पूर्वक पढ़ या किसी से श्रवण करे । साथ ही तपस्या के दिन "श्री ऋषभ देव स्वामी नाथाय नमः” इस पद को २००० दो हजार बार गिने, अर्थात् २० वीस माला गिने । तपस्या पूरी कर लेने पर यथाशक्ति उजमा करे | बाद सिद्धक्षेत्र या केसरियाजी तीर्थकी यात्रा कर आये । इस तपस्याके महाम्यसे तपस्वी किसी तरहके कष्ट नहीं पाता, और वह अपना सारा जीवन आनन्दकी लहरोंमें
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