________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७६
पूजा-संग्रह |
करन्तिये, विजा विज्जजले || ३ || जं जेा विजव थुई, जलेण तं तहइ सस्स | जिनरूवा मच्छरेणावि, फुट्टइ लूणं तड़ तड़स्स ॥ ४ ॥ यह कहकर लूण अग्निशरण करे पीछे लूण पाणी लेई, मुखें गाथा कहे ॥ गाथा ॥ सव्ववि मुरणवइ जलविजल, तन्तह भमणइ पास । अहवि कयन्तस्स निम्मलउ, निरगुण बुद्धि पसाय ॥ ५ ॥ जल विरण जलाहि पास, भरवि कयज्जल भावहि पास । तिन्नि पयाहिणि दिन्निय पास, जिम जिय छूटै भव दुहपास ॥ ६ ॥ जल निम्मल कर कमलेहि लेविणं, सुरवर भावहि मुविई सेवं । भाई जिरणवर तुहपइ सरणं, भय तुइ लभइ सिद्धि गमणं ॥ ७ ॥ यह कह कर लूण उतारी जल शरण करे ॥ इति नमक उतारण पूजा ||
अथ पुष्पमाला पहरावण पूजा ॥
उन्नय पयय भत्तस्स, नियठाणे सठिय कुतस्स | जिण पासै भमिय जणस्स, पिच्छ
For Private And Personal Use Only