________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
३७६
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
स्तवन- संग्रह |
|| ढाल २ || दिवाली दिन आवियो || ए चाल | दीपै बीजो द्वीप ए, धन २ धातकी खंड ॥ पिहुलो चिहु' लख जोयणे, मंडल रूपे मंड ॥१० ॥ दी० ॥ दोय भरत दोय एरवत, दोय वलि महाविदेह ॥ करमभूमि पट छै जिहां, उाहिज नांमें एह ॥ ११ ॥ दी० ॥ पूरब पश्चिम धातकी, खंड गिणीजै दोय, विजयमेरु पूरब दिसै, पच्छिम अचलमेरु जोय ॥ १२ ॥ दी० ॥ इक २ मेरुने अंतरे, करमभूमि तीन २ ॥ निज २ मेरुथी मांडिने, लेलो चिह्न दिसि लीन ॥ १३ ॥ दी० श्री सुजात जिन पांचमो, छठो स्वयंप्रभु ईस ॥ ऋष भानन जिन सातमो, समरीजै निस दीस ॥१४॥ दो० ॥ अनंतवीरज जिन आठमो, ए च्यारे जि नराय ॥ पूरब धातकी खंडमें, महाविदेह रहाय ॥ दी० ॥ १५ ॥ पहिली बिहु जिननी परे, विजयनगर दिसी ठाण, ॥ तिहिज नांमे अनुक्रमें, विजयमेरु अहिनां ॥ दी० ॥ १६ ॥ नवमो सुर
For Private And Personal Use Only