________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चैत्यवन्दन-संग्रह |
98
॥ सिद्धाचलजी का चैत्यवंदन ॥
सिद्धो विज्जाइ चक्की नमि विनमी । मुणी पुंडरी मुनिंदो ॥ वाली पज्जुन्न संबो भरहसग मुणी सेलगो पंथगोय ॥ रामो कोडी पंच द्रविड नरवई नारदो पंडुपुत्ता। मुत्ता एवं अणे विमलगिरिमहं तित्थमेयं नमामि ॥ १ ॥
॥ श्रीस्तभन पार्श्वनाथजी का चैत्यवंदन ॥ श्रीसेटी तट मेरु धाम, थंभरणपुर ठांम ॥ सुरतरु सम सिरि पास सांम, राजे अभिराम १ विबुधेसर सिरि अभय देव संठवियाणं दिय थुइ जलसिरिय नील वर्ण, फण पल्लव मंडिय २ सुर नर सुह कुसुमावलीए, शिवफल दायक
For Private And Personal Use Only