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पच्चक्खाण-सूत्र। पच्छण्ण. दिसा० साहु० सव्व• देसावगासियं इत्यादि पूर्ववत् ॥६॥
१०--दत्ती-पच्चक्खाण । पोरिसिं, साड्ढपोरिसिं, पुरिमड्डं, अवड्ढं वा पच्चक्खाइ, उग्गए सूरे, चउविहंपि आहारंअसणं, पाणं, खाइमं साइमं, अणत्थ० सह० पच्छ० दिसा० साहु सब्ब० एकासणं एगट्टाणं दत्तियं पच्चक्खामि, तिविहं चउविहंपि आहारं असणं, पाणं, खाइम, साइमं; अण्णत्थ. सह० सागा० गुरु• मह• सम्ब० विगइओ पच्चक्खाइ इत्यादि पूर्ववत्, देसावगासियं इत्यादि पूर्ववत् ॥१०॥
११---दिवसच रिम-च उबिहाहार-पच्चक्खाण । दिवस-चरिमं पच्चक्खाइ, चउन्विहंपि आहार--असणं, पाणं, खाइम, साइमं, अण्णस्थणाभोगेणं, सहसागारेणं, महत्तरागारेणं, सव्व-समाहि वत्तियागारेणं वोसिरइ ॥ ११ ॥
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