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Hymnology : Svetambara works Begins.- fol. 39* ॥ ६॥ ॥ अथ श्रीबालात्रिपुरापद्धति लिख्यते || श्रीमद
गुरू(क)भ्यो नमः॥ ब्रह्माणी कमलेंदुसौम्यवदना माहेश्वरी लीलया
कौमारी री(रि)पुदर्पनास(श)नकरी चक्रायुधा वैष्णवी । पादाही घनघोरघूघरमुखी ऐंद्री च बज्राय(यु)घा
चामू(सं)डा गणनाप्परूद्रसहीता रक्षतु मां मातुरै । The first line is gone. कंटकान् भक्षयंति दुरितमू(म)पहरंति
साधकान् पोषयति । Ends.- fol. 39 ॐ ऐं श्री ही त्रिपुरदेवि ! तद्महे क्ली कामेश्वरीद्धीमहे x x
xxxxxxत्रिजाण १०८ बार x जाप करवो स्वेत वस्त्र पहराई ॥ 10 है अथव्यां xxx लोकत्वं विघ्न xxx देवी पवीत्री चासनं कुरु ॥१॥
अथ ममीसद्धिकरणमंत्रः ॥ॐ भरसी मतदात्री सर्वभ. Itends thus.
बालात्रिपुरास्तोत्र
Bālātripūrāstotra No. 353
575 (44).
1895-98. Extent.- fol. 386 to fol. 394. Description.- Complete ; 6 verses in all. For other details see
____Namaskāramantra (Vol. XVII, pt. 3, No. 737). Author.- Śankarācārya. , Subject.- Glorification of Bala-Tripura. Is this a non-Jaina hymn? 20 Begins.-fol. 38°॥६०॥
आई आनंदवाल्ल अमृतकरतालः आदिशक्तिः पराइ
मा यामा यास्वरूपी स्फटिकमणिमयी मानतुंगी पडंगी। ज्ञानिज्ञानार्थरूपी नलिनपरिमाल नादहुरहुँ)कारमंत्री
भोगी [यो] भोगासनास्थी भू(भु)बनवशकरी संदरी ऐं नमस्ते ॥१॥ 25 मालामंत्रो कटाक्षि मम हृदयमुखी मत्तं(त्त)भावः प्रचंडी
व्याली यज्ञोपवीति निकटतटजडी वीरशक्तिर्भवानि । बाला बालेंदुमली गजगमनगतिः तूछवीणा तंत्री
कालिकं कालरूपी गगन... तिः कारिणी क्ली नमस्ते ॥ २॥ .. Ends.- fol. 39.
आयोतिध्वंद्वातरूपी प्रवलीबकरी आत्मपापा विसर __ प्रत्यक्ष पीठमूली प्रलयजलधरी ब्रह्म.श्वदूदैः सौ सिद्धांतयुक्त सरवरकिरणे स्तोत्रसाकाररु(रू)
सृष्टिः स्थित्यंतमुरमर्ति सकलगुणनिधिः शक्तिरूपेनमस्ते ॥ ५॥ 46 11. L. P. .
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