________________
9221 tot 4 Malasätras
3p Ends.- (com.) fol. 200.
. ........" " एवं प्रतिक्रमणसूत्रणितप्रा(प्र)कारणालोच्य निंदित्वा गर्हित्वा जुगु" प्सित्वा विविधेन प्रशंति (?संप्रति ) जिनान(न्) वंदे नमस्का(क)रोमीत्यर्थः। प्रतिक्रमणविवरणं ॥ ........... ...........
श्रीचक्रमरिगुरुपट्टमहोदयाद्रि
प्रद्योतनोपमं(म) शिवप्रभसूरिशिष्यः । श्रीप्राक्पदस्तिलक'मारिरधीधनोड)पि ।
श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्रमिदं विवd ॥ १ इति श्रीतिलकाचार्यविरचिता श्लोकशतव्यप्रमाणा प्रतिक्रमणसूत्रलघु
वृत्ति) समर्थयांचवे ॥छ । Then in a different hand we
have : कर्ता तिलकसूरिः Reference.-- See Jaina granthavali (pp. 30-31 ).
श्रमणोपासक प्रतिक्रमणसूत्रः - विवरण
Sramanepasakapratikramanasūtra
vivaraņa
.....
_200 (f).
No.932... ... ....
...
1873-74 Extent.-- fol. 18s to fol. 21b. Description.-- Complete ; extent 200 ślokas. For other details see
% 200 (a)..
No. 1873-74
Author.-- Śrītilaka Sūri. For particulars see p. 302. Subject.— A small commentary in Sanskrit explaining the Van
dittusūtra. Begins.- fol. 186 ॥६ ॥
प्रणिधाय श्रीवीरं स्वल्परुचीनां कृते समासेन। . ...........
विवरणमिदं करिष्ये गृहिप्रतिक्रमणसूत्रस्य ॥१॥ etc. 1 This means Sritilaka. 2 This ought to be Srītilaka and not Tilaka.