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माग-१२:-अङ्ग सूत्र
17
8A
9
10
11
60
126x 11*6x31
सं. १० अध्याय ग्रं. 4500/ 1881, रिणधा, जयचंद
|वां अंग श्राव
काचार
46
26X13*7x40
1893,काणाणा,सुखविज
212 | 25x12*7x40
1853, महेश्वर, देवकुशल
कथासह
38 से
25 मे27x11 से 13
सं. 10 अध्याय
20वीं विभिन्न विभिन्न
अतिसामान्य
70 तक
1x27*16x58 | सं. , ग्रं, 945
1594, मेहरा, वा. राजचंद्र d/०सहजकीर्ति
27x12*14x46
सं.
,
,
944
18वीं
सं. 8 वर्ग ग्रं. 890
16वीं
वां अंग ऐति-29 27x11*11x45 क धर्म कथायें
56,47| 24,28x7,8
सं.
, ,, 3000
1831, 1912
34 से | 24से 26x5से। 2 79 बक
19/20वीं भिन्न भिन्न
अतिसामान्य
25x11*15x48
20वीं
12
अंग ऐति- क धर्म कथायें
| 25 x 11*6 x 50
| सं. 3 वर्ग टब्बाग्रं 700 1765 ,, ,, (10 अध्य.) 1778 x धर्मसुन्दर
25x11*6x45
25 x 13*7x48
1862, हरिदुर्ग, विजय
16,20 27,28x12,14
12 से | 24से27x5से8 25 तक
|, ,, ( 33 उद्दे.) 19वी, 1911 व्यालपुर ,, 3वर्ग 0अ.33उद्दे. 19/20वीं भिन्न भिन्न सर्व ग्रं.576
अतिसामान्य
5से13 24से 28x11,12.
" तक 3] । 26x11*13x51 | सं. दोनों स्कन्ध 10द्वार | 15वीं
1579 में प्रदत्त/संशोधित
25x11*17x56 ,, ,, ग्रं 7250 18वीं 139 21 x 13*6 x 20 , ,, मू.. 1250 1973 x जैतोदय 55 से | 25से28x5से8
, | 19/20वीं भिन्न भिन्न
1912वाम 141तक
26 x 10*12 x 43 | सं. दोनो स्कंध 20अध्या. | 1742 x हर्षगणि
अतिसामान्य
जाँ अंगकथायें
जीर्णशीर्ण
70
| 27x11*7x46
, ,, ट.ग्रं3000 1846 जसोल सुमतिसागर