________________
भाग १-जैन आगमः
. 3A
4
5
6
38
उपासक दशाङ्ग
Upāsakadas'ārga
सुधर्मा
मू.ट/ग
प्रा.मा
139 | B 161
140 | बा 14
मू.ट व्याग.
प्रा.मा
7 प्रति
रा 6/1,2,22,31/ 5/6,11; 16/11
म.ट/ग
प्रा.मा
148 | चौ3
,
वृति
,, Vrtti
| बा 15
अभयदेव
150B59
अन्तकृतदशाङ्ग
Antakstadas'ānga
सुधर्मा
मूग
151-2| सि 12-3
2 प्रति
मू.ट/ग
प्रा.मा
20 प्रति
153 | रा6/4-12,23-4,
से 29,30;15/7-10;| 172 18/5; 32/1,8
| बा 16
वति
, Vrtti
अभयदेव
व/ग
174 | B784
अनुत्तरोपपातिकदशाङ्ग | Anuttaropapatikad- सुधर्मा
as'ānga
मू.टग
175 | बा 17
176
सि. 14
177-8
B193,149
2 प्रति
14 प्रति
| रा6/13-18,20,
21,26-8; 16/1 192 | 13,15
8 प्रति
193से | 6/19,28/3-7, 200 32/22,23
बा 18
201
प्रश्न व्याकरणसूत्र
Prasna Vyakarana- सुधर्मा Sutra
मू/ग
202 | B 165
मू.बा/ग
203 | B 974
मू.ट/ग
204-11 रा7/1-6,14;8/14/
8 प्रति
212
बा.21
विपाक सूत्र
Vipāka Sutra
सुधर्मा/अभयदेव । मू.व/ग
प्रा.सं.
213 | B 495
सुधर्मा
मू.ट/ग
प्रा.मा.