________________
विभाग-१ प्रः-अङ्ग सूत्र
78 8A
10
11
26 x 11*15x50
प्र. पहिला पन्ना कम
| १६ वीं
मिर सुधर्मेन्द्र प्रसंग 4 गियाश्रावक ,, 8
27x11*9x30
१७ वीं
गोदजीवोंकेलक्षण 8
26x13*14x40
प्र. शतक 11/10
१८६जैसलमेर सत्यमूर्ति वृत्तिनाम
निगोदषत्रिशिका १९वीं
24X11*6x50
व पोषध अधिकार 10 स्थिति ४ गति । प्रनुसार पंचम अंग सूत्र की
26x ||*तालिका
26 x 11*17x63
प्र. शतक 24 १८५०किशनगढ प्रार्या फतु | लगभग पूर्ण
१६वीं | सं. 138 श० 1925उद्दे. २०वीं
कुछ पन्ने चिपके हुए
,, विषय सूची
26x11*26x42
८४००० पदों की
27x11*11x38
सं. दोनों स्कंध प्र.5575/ १७वीं
ठा अंगशिक्षाप्रद कथायें
27X11*:3x47 | प्र. प्रथम स्कंध
314 | 26x 11*7x40
सं दोनों स्कंध ग्रं. 5764/ १७६२ भीनमाल
जीर्णशीर्ण
25x116x36
25x11*6x55
,
, ग्रं.18075
१७८७ (प्रथम भादर्श?) | टब्बाकार वा.
विजयशेखर १८२३, नौतन नगर, वीरचंद १९१४, जोधपुर तख्तसिंह राज्ये
26 x 11*7x40
ग्रं. 16709
171 से 25 से 27x12 से 13 |,,
१९२०, भिन्न, भिन्न
|
अति सामान्य
25x11*6x40
केवल १४वी १५वीं कथा १९वीं
24 x 10*8 x 40
त्रुटक प्रति अल्प अंश | १८वीं
त्रिपाठी
26x11*13x37
सं. 10 प्र. .912
| १७वीं
तवां अंगवकाचार
25x11*17x49 | सं. 10 अध्याय
१७०५४ रामविजय
25x11*19x56
.
..ब.ग्र.812
26x116 x 40
ग्रं. 2500
१६वीं १५६५ चेत सुद६ १६६८, घोतका, शिवसी
26x11*6x40
26x11*7x52
| स. १० अध्याय
१७९७ रायरा, सांवनदास
25x117x39
"
, . 2152
१८वीं
26x11*8x42
"
, अं. 2812
१८२२ बावड़ी कर्मचंद