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भाग १-जैन आ
ЗА
214 | सि 15
Vipāka Sūtra
सुधर्मा
मू.ट/ग
विपाक सूत्र
,
215-21 रा 7/7-11,15,17
222 | सि 16
223-9 | रा7/12,18,19;
14/17; 27/1,85
32/30 230-54 रा7/13,163
27/2-24 255 सि 17
,
25 प्र.
256-8 बा 19,20,22 259 | B924
.,
वृत्ति
अभयदेव
,, Vrtti भाग १ जैन प्रागम | Aupapatika Sutra
सि. 18
| औपपातिक सूत्र
मू+ट (ग)
प्रा.
2
रा. 16/4
3-9
, 7 प्रति
रा.8/1,5,12%316/ 12,3,16%
318/15 रा. 19/1
, , ,, Ki Hundi]
औपपातिक को हुँडी
11
सि. 19
राजप्रश्नीय सूत्र
| Rajaprasniya Sutra
मू (ग)
| सि. 20
मू+ट (ग)
13-14 B-171415
2 प्रति
-/ मेघराज d/o
ऋषिश्रमण 15-21 रा.8/2,3,6,7,9,1 , 7 प्रति
।।316/5 22-25/ रा.8/4,8,10,13जीवाजीवाभिगमसूत्र 4प्रति Jivajivabhigama
Sutra 26 | B 41 प्रज्ञापना सूत्र
Prajnapana Sutra | श्यामाचार्य 27 सि-21
मू (ग)
मू+ट (ग)
28-30/ रा. 9/9,31/2,3
3 प्रति
32
बा. 23
प्रज्ञपना की टीका
,, Ki Tika | मलयगिरि
, 28
जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
Jambudvipa
Prajňapti
मू (ग)