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परिशिष्ट संख्या २ जैसलमेर सूचीपत्र के द्वितीय खण्ड में के परिशिष्ट १ का पूरक समझा जावे। नये संस्करण में समस्त सामग्री को नये सिरे से एकत्रित कर मुद्रित करने का प्रयास करेगे परन्तु साथ में विद्वानों से अनुरोध भी है कि जहां एक शब्द को विभिन्न संख्यायें सूचित की गई है उस बारे में भ्रम निवारण व सही अर्थ निर्धारण के लिए अनुसंधान आवश्यक है।
अन्त में सूची-पत्र में रही हुई भूलों के लिये क्षमा प्रार्थी हूं क्योंकि उन सबका दायित्व एक मात्र मुझ
पर है।
जोधपुर २०५० अक्षय तृतीया दिनांक : 25 अप्रेल 1993
जौहरीमल पारख का प्रणाम
-संचालक