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ॐ समर्पण
यह ग्रन्थ सेवामन्दिर के भूतपूर्व निर्देशक स्वर्गीय श्री अगरचंद जी नाहटा को श्रद्धापूर्वक समर्पित किया जाता है जिन्होंने अपना पूरा जीवन पुरातत्त्व व प्राच्य विद्या की सेवा में लगाया।
व आभार प्रदर्शन
(1) श्रीमान् लण करणजी संखलेचा श्री बाड़मेर वालों के आभारी हैं कि उन्होंने अपने प्राधिपत्य
वाले श्री शान्तिनाथ जी के मन्दिर के ज्ञान भण्डार के सूचीकरण कार्य हेतु पूरी व्यवस्था की।
(2) श्रीमान् मुकनचन्द जी चौपड़ा व श्री शान्तिलाल जी श्री बालोतरा वालों के आभारी हैं कि
उन्होंने अपने प्राधिपत्य वाले यतिश्री माणकचन्द जी के ज्ञान भण्डार के सूचीकरण कार्य हेत पूरी व्यवस्था की।
(3) श्रीमान् मीकचंद जी ललवाणी गढ़ सिवाना वालों के प्राभारी हैं कि उन्होंने अपने आधिपत्य
वाले ज्ञान भण्डार के सूचीकरण कार्य हेत पूरी ब्यवस्था की।
(4) श्रीमान् मोहनलाल जी सेठिया श्री चौहट्टन वालों के आभारी हैं कि उन्होंने अपने आधिपत्य
वाले श्री संघ ज्ञान भण्डार के सूचीकरण कार्य हेतु पूरी व्यवस्था की।
(5) म० श्री संपतराज जी बाड़मेर वालों के प्राभारी है कि उन्होंने अपने आधिपत्य वाले ज्ञान
भण्डार के सूचीकरण कार्य हेतु पूरी व्यवस्था की। 16) श्रीमान् धींगड़मलजी गिड़िया श्री जोधपुर वालों के प्राभारी हैं कि उन्होंने रायपुर ठाकुर की
हवेली जोधपुर में स्थित ज्ञान भण्डार के सूचीकरण कार्य हेतु पूरी व्यवस्था की। (7) सेवामन्दिर के परिवार में से श्री बंशीधरजी पुरोहित B.A.LL.B, श्री रामलालजी धाडीवाल
और श्री लूणकरणजी बच्छावत के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है जिन्होंने इस सूची-पत्र को बनाने व छपाने में पूरा सहयोग दिया अतः उन्हें एवं ग्रन्थ-मुद्रक शाह प्रिन्टर्स वाले श्रीमान् जेठमलजी व उदयकिशनजी को धन्यवाद दिया जाता है।
-संचालक सेवा मन्दिर, जोधपुर