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भाग ३ आ-स्तवन, स्तुति, स्तोत्रादि भक्ति साहित्य
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8A
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षम भक्ति
27x11*11x36
अ. 31 श्लो. पंच पाठी | 16वीं
अहमपि प्रथम देवस्तोष्ये ।
25x11*13x57 | सं. 44 श्लो. व.ग्रं 616/ 1652 विराट नगरे
(प्रथमादर्श ?)
26x11*16x46
,,,समस्त ग्रं.693/ 1762 आउआ भूपतिसागर 1652 विराट .
नगर कृति. सं. 44 गा. 17वीं
प्रणम्य परमानंद पदं
10 | 26x11*15x35
| 26 x 10*15 x 45
ग्रं. 380
180
18वों
11 | 25x11*15x38
1825 जसोल मूत्तिहेम
10,61 26x12428x12
वृतिनाम सुखबोधिका
,, ,, की द्वितीय वृति 1883/1879
मात्र , मंत्र कथा सह ग्रं.1572 1704xजिनहर्ष
--मंत्र
26x11*18x50
सरसूत्ती पट्टन 1426 कृति, प्रशस्ति है। किल इतिसत्ये
21x11*13x31
ब. (1से27 के मंत्र नहीं) 19वीं
16 x 12*12x15
27x12*12 x 19
सं. 48 लो. पद्य मंत्र सह , |, 48 बलो. ऋद्धि मंत्र- 20वीं
यंत्र काव्य 3, 44 श्लो. सह कथा | 1749 मांडवाडा विजयगौतम
विधि सह
षभ भक्ति
25x12*14x40
26x10*14x48
3.
"
"
"
अंतिम पन्ना कम
18वीं
25x11*16x45
सं. 44 श्लो.
1831; मिठोड़ा माणिक्य
23x11*14x31
| पू.
, ग्रं. 1452 1862, वाउसा प्रीतसौभाग्य
25x12*16x51
सं. 44 श्लो. दृष्टांत सह | 1852मयासाग रयसागर सह कल्याणमंदिर
126x10*14x41
19वीं
| 23से26 x 10से 12
पू. 44 श्लो.
20वीं .
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26x11*18x55 | अ. 33वीं कथा तक है । 19वीं
समयसुंदर शिष्य हेतु
24x11*13x28 | अ.40वे क्लो. तक , 25x11*6x34 | अ. 1,3 पन्ने कटे हुवे जीर्ण 1681 अहमदाबाद: 24से26x11से 12 सं. 44 श्लो.
19/20वीं 11,7 7,12 | 25x12425x14
19वीं
4,9*
26x11*विभिन्न
19वीं/1741 .
द्वितीय में कल्याण
मंदिर भी है
4 | 25x11*15x26
,
1953