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भाग ३–जैन भक्ति व क्रियाकाण्ड
1 |
2
3
3A
233
B-959
भक्तामर
Bhaktāmara
मानतुङ्ग /
मू+अ (प.ग) | सं.
234
बा. 282
/कनककुशल | मू+वृ (प.ग.),
235
B-440
236
B-711
" , do
हीरविजय मानतुंग///गुणरत्न
237
B-31
238
बा. 285
239-40B122,754
2 प्रति
241 | B-181
,, वृतिमात्र
,,অসম गुणाकरd/oश्रीमान
व (ग) मुनि गुणचंद्र मानतुंग/- | मू+अ (प.ग.)
242
बा. 286
243 |
बा. 287
मू+काव्य(प.ग..,
244
बा. 288
काव्यादि मात्र
प.ग. मंत्र
245
बा. 283
मानतुङ्ग/मेरुसुंदर मू+बा (प.ग.) सं.मा.
246
बा. 284
247
सि. 353
/शुभवर्द्धन
248
चौ. 99
" ,do
साधुविजय
249 | B-397
सि. 352
,,/अज्ञात
251-2| रा-29/3,7
2 प्रति
253 | B-460
"बाला. मात्र
मेरुसुंदर d/
जिनचंद्रसूरि
254 | B-1070
255
B-798
मानतुङ्ग
मू+ट (प.ग.)
5 प्रति
256-60/B-92,130,
341,634,774 261-2/सि. 350-51
2 प्रति
263-4 B-865-68
2 प्रति
265 । सि. 354
,