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श्रावक भीमसिंह माणेक. बोधसहित तथा एमनीज करेली वीशीनां वीश स्तवन
मुलपाठ छे. ६३ आनंदघनजी विरचित चोवीशी-मूल अने
अर्थसहित. ६४ देववंदनमाला-एमां चैत्रीपुनम,ज्ञानपंचमी,दीवाली,
चौमासी, तथा मौनएकादशी आदिक अपीआर देव
चंदन करवानी विधि सेव॒जयना एकवीश नामसहित छे.१-०-- ६५ वैराग्योपदेशक विविध पदसंग्रह-जेमा जस
विलास,विनयविलास,अने ज्ञानविलासनारसीकपदोछे.०-९६६ गहुंलीसंग्रह-१२४ गहुँलीओना संग्रहनु अति ..
रसिक पुस्तक. ६७ मुनि चिदानंदकृत स्वरोदय ज्ञान गद्य पद्य__बंध बहु उत्तम छे. ६८ स्तवनावळी भाग १ लो.आ ग्रंथमां स्तवन,
प्रभातियां, लावणीओ, सज्झायो, नमीश्वर भगवाननो नवरसो, दान शील तप भावतुं चोढालीयु तथा प्रस्ता
चीक कवितादिघणा रसिक ग्रंथोनो समावेश करयो छे. ०-८ ६९ स्तवनावळी भाग २ जो.-एमां श्रावक जिनदा
सनां करेलां वैराग्य दर्शावनारां९९ पदो तथा सवैया छे..-1
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