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श्रावक भीमसिंह माणेक. ५८ स्नात्रादि पूजासंग्रह-आ पुस्तकमांदेवपाल, देव
चंदजी, अने वीरविजयजी विरचीत त्रण स्नात्र तथा शांतिनाथजीनो कलश तथा सकलचंद उपाध्याय कृत सत्तरभेदी पूजा अने देवविजयजी अने देवचंदजी कृत अष्टप्रकारी पूजाओ बे तथा वीरविजयजी कृत अष्ट
प्रकारी पूजाओना दोहानो संग्रह वगेरे. ५९नवाणुं जात्रानी विधि-आ पुस्तकमां नवाणु
प्रकारनी पूजा, खमासमणना दुहा, स्तवन स्तुत्यादि वगेरे.
०-४-० ६० श्री जैनप्रबोधपुस्तक भाग १लो-एमां अनेक
प्रकारनां छूटक छूटक न्हानां म्होटां स्तवनो, सज्झायो, प्रभातियां, चोढालीयां, अनेक प्रकारना तप करवानी विधि, चोवीशीयो, तथा केटलाएक प्रस्ताविक दोहा, कवित, सवैया, वगेरे जैनधर्मी साहेबोन बीजी पण उप.
योगमा आवे एवी अनेक प्रकारनो बाबतो छे. ३-.-. ६१ सज्झायमाला भाग १ लो-एमां जूदा जूदा वि
षयवाळी वैराग्यदशाने जगृत करनारी तथा महोटा धैर्यवान पुरुषोनी रसिक सज्झायानो संख्याबंध संग्रह छे.
२-८-८ ६२ श्रीदेवचंदजीमाहाराज कृत चोविशी. बालव
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