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२८ श्रावक भीमसिंह माणेक.
पूर्वक वर्णन कीया है. ९ श्रावकोका दिनकृत्य श्राद्ध विधि ग्रंथानुसारसे लीखा है. १० श्रावकाका रात्री कृत्य, पाक्षिककृत्य, चौमासीकृत, संवत्सरीकृत्य, अरुजन्मकृत्य, ए पांचो कृत्यका स्वरुपका वर्णन करा है. ११ आदिश्वर भगवानसें लेकर श्री महावीर भगवान पर्यंतक कितनेक इतिहासको वर्णन करके जैनमत अनादि है ऐसा सिद्ध करा है. १२ श्री वर्द्धमानस्वामिके निर्वाण पाछे किंचित इतिहास लोखे है. ऐसा वर्णन इस बुकमें है.
हिंदुस्तानी भाषान्तरनी बुकना ५-०गुजराती भाषान्तरनी बुकना.
४-०-६ ९ अज्ञानतिमिरभास्कर-( श्रीमद् विज्यानंदमूरि
विरचित)-आ ग्रंथमा साधु अने श्रावकनी धर्मयो. गता दर्शाववा माट एकवीश गुणोनुं विस्तारथी वर्णन, भावाक्कना पवार संबंधी सत्यावीश भेद अने तेमना सत्तर गुणोनुं स्वरुप विवेचन सहित आपवामां आव्युं छे. ग्रंथकारे भारतनी जैन प्रजानो महान उपकार करी जैनोनी प्राचिनस्थितिनुं स्मरण कराव्युं छे, जे वांचवाथी जैनबंधुओने भारत चपमा प्रसरेला गाढ मिथ्यातनुं स्वरुप जणाइ पोताना
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