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-२२५ कर्मग्रंथ मूलपाठ. -२२६ मार्गोपदेशिका भाग १ लो.
श्रावक भोमसिंह माणेक.
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व्याकरणग्रन्थाः
२२७सारस्वत व्याकरण ( श्री चंद्रकीर्ति सूरीकृत.) मोटी टीका सहित श्लोक संख्या बारहजार. २२८ मागधी अने प्राकृत भाषानुं व्याकरण ( श्री हेमचंद्रचार्य कृत. ) - ढुंढीका टीकानां भाषान्तर सहित. -२२९ सिद्धान्तकौमुदी अष्टाध्यायी- सुत्रपाठ, गणपाठ, धातुपाठ, लिंगानुशासन, पाणिनीयशिक्षा और सूत्रों की सुची सहित अति उत्तम ज़िल्द. २३० सिद्धान्तकौमुदी तत्वबोधिनी टीका सहित. २३१ मध्यसिद्धान्तकौमुदी वरदराजकृत. टिप्पणी सहित. काशी पंजाबादि देशोमें प्रथमश्रेणी में पढायी जाती है. २३२ लघुसिद्धान्तकौमुदी भाषाटीका, प्रथमादिविभ
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