________________
पाटण श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमन्दिरस्थित तपगच्छ जैन ज्ञानभण्डारना हस्तलिखित ग्रन्थोनु सूचिपत्र - द्वितीयो विभागः [३०] पुस्तकनु नाम
पत्र भाषा
का लोकसरूया रचनास. लेखनस, स्थिति सम्बाई-पहोलाई
क्रमांक
१५४७३ - प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्रवृत्ति
१०३ सं. अभयदेवसूरि
४६३०
१७मो जीर्णप्राय १०।४४। १५४७४ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्रवृत्ति
१११ . अभयदेवसूरि
४.६३०
मध्यम १०।। ४४।। १५४७५ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र
२२ प्रा. सुधर्मास्वामि
१,३७५
उत्तम १०।। ४।। १५४७६ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र सटीक पचपाठ' ८१ प्रा.सं. मू. सुधर्मास्वामि टी. अभयदेवसूरि ५.८८०
मध्यम १०x४। १५४७७ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र सटीक पञ्चपाठ
मू. सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि ५.८८०
१६५६ उत्तम १०।४४| १५४७८ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र टिप्पणी सह ३३
मू. सुधर्मास्वामि
१,२५० १६७४
१०।। ४।। १५४७९ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र
४६ . मू. सुधर्मास्वामि
१२५०
१७मो मध्यम १०।। ४।। १५४८० विपाकसूत्र
मू. सुधर्मास्वामि १२५०
१०।४४|| १५४८१ गौतमपृच्छावृत्तिसह त्रिपाठ
३८ प्रा.सं. वृ. अमृतसागर
३,८००
१०x४।। १५४८२ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र सटीक पञ्चपाठर १११ . मू सुधर्मास्वामि, टी. अभयदेवसूरि ५.८८०
१६६९
१०॥४४॥ १५४८३ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र २३ प्रा. मू. सुधर्मास्वामि
१७मो
१०।४४|| १५४८४ अनुत्तरौपपातिकसूत्र सटीक पञ्चपाठ १० प्रा.सं. टी. अभयदेवसूरि
१९२
उत्तम १० x ४|| १५४८५ विपाकसूत्र
३५ प्रा. सुधर्मास्वामि
१.२१६
१६६८
१०।४४|| १५४८६ विपाकसूत्र
३७. सुधर्मास्वामि
१,२१६ १६९२
१०x४।। १५४८७ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र सटीक त्रिपाठ १०८ प्रा.सं. मू. सुधर्मास्वामि टी, अभयदेवसूरि ५,८८०
१७मो
१०४४।। १५४८८ प्रश्नव्याकरणाङ्गसूत्र
३४ प्रा. मू. सुधर्मास्वामि
१,२२५
१०। ४।। १५४८९ विपाकसूत्र सटीक त्रिपाठ ६६ प्रा.सं मू. सुधर्मा स्वामि टी अभयदेवसूरि २,३५०
मध्यम १०x४।। १५४९० प्रश्नव्याकरणांगसूत्र सस्तबक अपूर्ण ११४ प्रा.गु. मू. सुधर्मास्वामि
९||| ४|| १५४९१ कल्पसूत्र बालावबोध सह (खेमसाई) १७४ . बा, क्षेमविजय
बा. १७०७
१७५६
१०x४।। १५४९२ औपपातिकसूत्र
४४ प्रा. सुधर्मास्वामि
१,२५०
१७मो जीर्णप्राय १०।।।x ४।। १५४९३ कल्पसूत्र सस्तबक १६० प्रागु
१८०८ मध्यम ११४४।।। १५४९४ राजप्रश्नीयोपांगसूत्रवृत्ति
८१ सं. मलयगिरि
३,६५०
१५०३ अतिजीर्ण १०।।। ४।। १५४९५ उत्तराध्ययनसूत्र दीपिकासह पञ्चपाठ १६० प्रा.सं.
टी, ८,६७०
१६५१ उत्तम १०।।। ४।। १५४९६ कल्पसूत्र बालावबोध सह (खेमसाई)२-१३९ प्रा.ग, बा, क्षेमविजय
बा. १७०७ १७४३
१०।। ४।। १५४९७ कल्पसूत्र सस्तबक
१६१ . मू भद्रबाहुस्वामि
७,०००
१७६६ जीर्णप्राय १० x ४। १५४९८ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र
१७मो उत्तम १०1४४।।। १५४९९ उत्तराध्ययनसूत्रकथा बाला० २५ अध्ययनपर्यन्त १५३ गु.
६,०००
१७७२, १०। ४४||
१. पत्र ४६, डबल छे २. सुन्दर चित्रपृष्ठिका सह, ३. प्रति शुद्ध छे. ४. पत्र ५४मु डबल छे. ५. पत्र १३ चार छे. ६. प्रथम पत्र नधी
Jan Education international
For Prve & Personal use only