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[२९] लोकसंख्या रचनास, लेखनस. स्थिति लम्बाई-पहोलाई।
क्रमांक
पुस्तकनु नाम
पत्र
भाषा
कर्ता
७९०
प्रा. सुधर्मास्वामि ,, सुधर्मास्वामि
सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि सुधर्मास्वामि
सुधर्मास्वामि सं. अभयदेवसूरि प्रा. सुधर्मास्वामि
१७मो उत्तम १०x४|| १६४९
१०। ४।। १६९२
१०। ४४|| १७मो मध्यम १०।। ४।
उत्तम १०।। ४। १५००
१०।४४।। १६मो
१०।४४।। १५८६ मध्यम १०x४|| १६मो ..
१०।। ४।।
१०।।४४|| १७मो उत्तम १०x४॥
१-५ ५-७
१५४४८ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४४९ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४५० अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४५१ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४५२ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४५३ अन्तकृद्दशाङ्गसूत्र १५४५४ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १५४५५ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १५४५६ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १५४५७ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १५४५८ १अन्तक़द्दशाङ्गसूत्रवृत्ति
२.अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र १५४५९ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र
सटीक पश्चपाठ १५४६० अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र सटीक १५४६१ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र सटीक १५४६२ अनुत्तरौपपातिकदशाङ्गसूत्र सटीक १५४६३ राजप्रश्नीयोपांगसूत्र १५४६४ विपाकसूत्र १५४६५ विपाकसूत्र सटीक त्रिपाठ १५४६६ विपाकसूत्र सटीक पञ्चपाठ १५४६७ विपाकसूत्र १५४६८ विपाकसूत्र अपूर्ण १५४६९ विपाकसूत्र सटीक त्रिपाठ १५४७० विपाकसूत्र सटीक पञ्चपाठ १५४७१ विपाकसूत्र १५४७२ राजप्रश्नीयोपाङ्गसूत्र
६ प्रा.सं. मू सुधर्मास्वामि टी. अभयदेवसूरि मू. १९२
मू सुधर्मास्वामि टी. अभयदेवसूरि । मू सुधर्मास्वामि टी. अभयदेवसूरि मू. १९२
मू सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि मू. १९२ प्रा.
२,१०० सुधर्मास्वामि ४७ प्रा.सं. मू. सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि २,३५० ३४ , मू सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि मू. १,२१६ ४१ प्रा. मू. सुधर्मास्वामि १४ . मू. सुधर्मास्वामि ४२ प्रा.सं. मू. सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि २,४०० ६२ । मू. सुधर्मास्वामि टी अभयदेवसूरि २,३५० ५३ प्रा. मू सुधर्मास्वामि
२,१००
९||1 x ४।। १०। ४४||
१०।। ४।। १६१६
१०।।४४।। १७१०
१०।। ४।। १७मो जीर्णप्राय १०।।। ४।
उत्तम १०x४|| १६मो मध्यम १०। ४।। १७मो .. १०। ४।। १५मो ,,
१०।।४४।। १७मो उत्तम १०।। ४।
१०।। ४।।
१०।। ४|| १६४० ..
१०।। ४।।
१. प्रति शुद्ध छे.
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